आज इस पोस्ट मै आप ऐसी कुछ महान महिलाओ के बारे मे बताने जा रहा हुँ जो न सिर्फ भारतीय इतिहास मे बल्की पुरे विश्व के इतिहास मे अपनी अनोखी छाप छोडती है।इन महिलाओ ने शिक्षा से लेकर राजनीति तक और भक्ति से लेकर शक्ति तक के क्षेत्रो मे जिस प्रकार अपने लौहा मनवाया उससे इन्होने ये साबित कर दिया की भारतीय स्त्रीयाँ अबला नही सबला है। तो चलिए जानते ऐसी भारतीय महिलाओ के बारे मे।
गार्गी एक महान प्राकृतिक दार्शनिक, वेदो की व्याख्याता और ब्रह्म विद्या की ज्ञाता थी। इन्होने शास्त्रार्थ मे कई विद्वानो को हराया था। एक बार राजा जनक द्वारा आयोजित यज्ञ मे गार्गी ने महर्षि याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ किया। इस शास्त्रार्थ मे गार्गी के द्वारा पुछे गए प्रशनो के उत्तर देने के लिए महर्षि याज्ञवल्क्य को ब्रह्म दर्शन का प्रतिपादन करना पड गया।
पारम्भ मे बोद्ध संघ मे स्त्रीयो का प्रवेश वर्जित था। बोद्ध संघ मे स्त्रीयो को प्रवेश करवाने के लिए महाप्रजापति ने काफी संघर्ष किया। इन्होने सर्वप्रथम कपिलवस्तु मे बुद्ध से संघ मे स्त्री प्रवेश के लिए अनुरोध किया परंतु बुद्ध ने उसे अस्वीकार कर दिया। इस प्रकार महाप्रजापति ने कुल तीन असफल प्रयास किए। अंत मे वैशाली मे बुद्ध ने संघ के द्वार महिलाओ के लिए खोल दिए और महाप्रजापति गोतमी पहली महिला बनी जिसने बोद्ध संघ मे प्रवेश लिया।
मीराबाई एक सच्ची विद्रोही थी उन्होने तत्कालीन समाज मे व्यापत पर्दा प्रथा और सती प्रथा का त्याग करके समाज को बता दिया की स्त्री का सर्वेसर्वा उसका पति नही होता और मृत्यु के पश्चात भी एक स्त्री अपना जीवन जीने की अधीकारी है।
पन्नाधाय का यह पुत्र बलिदान विश्व इतिहास मे शायद इकलोता उदहारण है और इस बलिदान के कारण ही भारत मे महाराणा प्रताप जैसा वीर पुत्र पैदा हुआ।
- गार्गी
गार्गी एक महान प्राकृतिक दार्शनिक, वेदो की व्याख्याता और ब्रह्म विद्या की ज्ञाता थी। इन्होने शास्त्रार्थ मे कई विद्वानो को हराया था। एक बार राजा जनक द्वारा आयोजित यज्ञ मे गार्गी ने महर्षि याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ किया। इस शास्त्रार्थ मे गार्गी के द्वारा पुछे गए प्रशनो के उत्तर देने के लिए महर्षि याज्ञवल्क्य को ब्रह्म दर्शन का प्रतिपादन करना पड गया।
- मैत्रयी
- महाप्रजापति गौतमी
पारम्भ मे बोद्ध संघ मे स्त्रीयो का प्रवेश वर्जित था। बोद्ध संघ मे स्त्रीयो को प्रवेश करवाने के लिए महाप्रजापति ने काफी संघर्ष किया। इन्होने सर्वप्रथम कपिलवस्तु मे बुद्ध से संघ मे स्त्री प्रवेश के लिए अनुरोध किया परंतु बुद्ध ने उसे अस्वीकार कर दिया। इस प्रकार महाप्रजापति ने कुल तीन असफल प्रयास किए। अंत मे वैशाली मे बुद्ध ने संघ के द्वार महिलाओ के लिए खोल दिए और महाप्रजापति गोतमी पहली महिला बनी जिसने बोद्ध संघ मे प्रवेश लिया।
- रानी नागनिका
- रजिया सुल्तान (1236-39)
- मीराबाई
मीराबाई एक सच्ची विद्रोही थी उन्होने तत्कालीन समाज मे व्यापत पर्दा प्रथा और सती प्रथा का त्याग करके समाज को बता दिया की स्त्री का सर्वेसर्वा उसका पति नही होता और मृत्यु के पश्चात भी एक स्त्री अपना जीवन जीने की अधीकारी है।
- पन्नाधाय
पन्नाधाय का यह पुत्र बलिदान विश्व इतिहास मे शायद इकलोता उदहारण है और इस बलिदान के कारण ही भारत मे महाराणा प्रताप जैसा वीर पुत्र पैदा हुआ।
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